भारत की मानव कंप्यूटर कहीं जाने वाली शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर 1929 को बेंगलुरु कर्नाटक में एक धर्म परायण कन्नड़ परिवार में हुआ था। इनके पिता एक सर्कस में काम करते थे। पिता की आय परिवार के लिए काफी नहीं थी। गरीबी में जन्म लेने के कारण आपकी औपचारिक शिक्षा नहीं हो पाई परंतु इसका आपके प्रतिभा पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा। 6 वर्ष की अवस्था में शकुंतला देवी ने मैसूर यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया। शकुंतला देवी पहली बार खबरों की सुर्खियों में आई जब बीबीसी रेडियो के एक कार्यक्रम में अंक गणित के एक जटिल सवाल का जवाब तुरंत दे दिया। अपने असाधारण टैलेंट के चलते इन्हें 1944 मे लंदन व 1950 मे यूरोप यात्रा करने का मौका मिला। इसके बाद 1976 मे न्यूयॉर्क और 1988 में यू एस का दौरा किया।1977 मे अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में 201 का 23 वां घात बताने को कहा गया जो इन्होंने 50 सेकंड के अंदर बिना कॉपी व कलम का इस्तेमाल कर बता दिया। इस तरह की तमाम घटनाएं इनके जीवन काल में पाई जाती हैं।
गणनाओ के अलावा शकुंतला देवी ने गणित व ज्योतिष शास्त्र में भी कई किताबें लिखी। इन्होंने 1977 मे "दी वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्सुअल" नाम से एक किताब लिखी जो कि समलैंगिकता पर पहली किताब थी।
शकुंतला देवी का विवाह 1960 में कोलकाता के एक बंगाली आई ए एस अधिकारी परितोष बनर्जी के साथ हुआ।1979 मे ये अपने पति से अलग हो गई और अपनी बेटी के साथ पुनः बेंगलुरु लौट आई। 21 अप्रैल 2013 को बेंगलुरु में किडनी की बीमारी के कारण इनका निधन हो गया।
सम्मान और पुरस्कार
1. 1969 मे फिलीपींस विश्वविद्यालय ने "वर्ष की विशेष महिला" की उपाधि और "गोल्ड मेडल" प्रदान किया।
2. 1988 मे वाशिंगटन डी.सी. में "रामानुजन मैथमेटिकल जीनियस" अवार्ड से सम्मानित किया गया।
3. 1982 मे इनका नाम "गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" में भी सम्मिलित किया गया।
4. 2013 में इन्हें मुंबई में "लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड" से भी सम्मानित किया गया।
5. 4 नवंबर 2013 को गूगल ने इन्हें सम्मान स्वरूप "गूगल डूडल" समर्पित किया।
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ReplyDeleteThank uh sir ji 😊😊
ReplyDelete🙏🙏
ReplyDeleteThankyou sir🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteShe was very intelligent and excellent person but in India she does not got that respect and awards which she deserved. People start to know her after Shakuntala Devi movie before that her real videos on YouTube was not so popular.
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