अगस्त 7, 1941 में दुनिया को अलविदा कहने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7मई सन 1861 में कोलकाता के ब्राह्मण परिवार में हुआ था| आपके पिता का नाम श्री देवेंद्रनाथ टैगोर और माता का नाम श्रीमती शारदा देवी था| आप भारत ही नही अपितु एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता थे| आपकी कविता संग्रह 'गीतांजलि' के लिए आपको साल 1913 में साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया और इस तरह से आप पहले गैर यूरोपीय नोबेल पुरस्कार विजेता बने| ब्रिटिश सरकार ने आपको "सर" की उपाधि से नवाज़ा था, जिसे अपने 1919 में हुए जलियावाला बाग कांड के बाद लौटा दिया| आप स्वामी विवेकानंद के बाद दूसरे व्यक्ति थे जिन्होने विश्व धर्म संसद को दो बार सम्बोधित किया| आपने 8वर्ष की अल्प आयु में ही अपनी पहली कविता लिखी| आपने साहित्य के अलावा संगीत, चित्रकला और शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी अमिट पहचान बनाई| आप दुनिया के पहले और एक मात्र कवि है जिनकी रचनाओं को दो देशो "भारत" और "बांग्लादेश" ने अपना राष्ट्रगान बनाया| इतना ही नही श्रीलंका के राष्ट्रगान का एक हिस्सा भी आपकी कविता से प्रेरित माना जाता है| इसप्रकार आपकी रचना तीन देशो के राष्ट्रगान की प्रेरणाश्रोत है|
टैगोर भी स्वतंत्र भारत की कल्पना करते थे पर आजादी की लड़ाई में होने वाले आंदोलनों में अत्यधिक राष्ट्रवादी रुख की टैगोर निंदा भी करते थे| राष्ट्रीयता और मानवता में प्रथम वरीयता किसे दी जाये इस बात को लेकर टैगोर और गाँधी जी के बीच सदैव वैचारिक मतभेद रहा| टैगोर मानवता को राष्ट्रवाद से अधिक महत्व देते थे जबकि गांधीजी राष्ट्रवाद को| इस मतभेद के बाद भी दोनों एक दूसरे का बहुत सम्मान करते थे, इस बात का प्रमाण टैगोर द्वारा गांधीजी को दी गई "महात्मा" की उपाधि है|
Very nice
ReplyDeleteTruly knowledgeable and nice..
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteगुरुदेव को शत शत नमन, ऐसे ही सपूतों को माँ भारती जन्म देती रहें यही कामना है.
ReplyDelete