सर्वव्यापी "राम"
राम इस चराचर जगत के सभी जड़-चेतन के नाम में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से समाविष्ट हैं ; इसलिए सर्व आराध्य है| इस तथ्य को किसी के नाम के "अक्षरों" की संख्या के साथ निश्चित गणितीय संक्रिया के उपरान्त जो शेष प्राप्त होता है से समझा जा सकता है। शेष सदैव 2 ही,रा म अर्थात राम है|
गणितीय संक्रिया निम्न है-
नाम के अक्षर चौगुन कर,
पुनि पाँच मिलाइ कै दूगुन कीजै।
आठ कै भाग दिए जो बचै,
सोई राम नाम करि लीजै ।।
जैसे- आम
इसमें अक्षरों की संख्या 2, इसका चार गुना 8 और 5 जोड़ने पर 13, इसमें 2 से गुणा करने पर प्राप्त हुआ 26 में 8 से भाग देने पर शेष मिला 2 अर्थात "राम"|
यह प्रत्येक नाम के अक्षरों की संख्या के लिए समान रूप से लागू व सत्य है|
इसलिए गोसाई जी ने कहा है "सीय राम मय सब जग जानी"|
Good information.
ReplyDeleteJai Shri Ram
ReplyDeleteIt's really amazing fact
ReplyDeleteआध्भुत् गुरुवर
ReplyDelete