15 अगस्त को हम भारतियों ने लाल किले पर तिरंगा फहरा कर अपनी आजादी का सबूत दिया जबकि स्वतन्त्र पाकिस्तान 14 अगस्त को ही अस्तित्व में आ गया था। मगर दोनों देशों के बीच की सीमा रेखा 16 अगस्त को खींची गई अर्थात आजादी के एक दिन बाद। यह बात रोचक है कि देशों का उद्भव पहले हो गया और सीमाए बाद में खींची गयी। भारत और पाकिस्तान के मध्य सीमा रेखा खींचने का दायित्व 48 वर्षीय सर सिरिल जाॅन रैडक्लिफ को दिया गया। सिरिल जाॅन रैडक्लिफ 08 जुलाई 1947 को पहली बार भारत आए और 17 अगस्त 1947 को वापस ब्रिटेन लौट गए। अर्थात भारत के भूगोल से पूर्णतया अपरिचित रैडक्लिफ को भारत के बंटवारे के लिए लगभग छः हफ्ते का अल्प समय दिया गया। बंटवारे की अन्तिम रपट (अवार्ड) 09 अगस्त 1947 को तैयार हो गयी, पर इसे 17 अगस्त को सार्वजनिक किया गया। बंटवारे के बाद स्वदेश वापसी पर रैडक्लिफ को ‘लाॅ-लार्ड’ का पद दिया गया।
‘‘छः हफ्ते की नौकरी ने सिरिल जाॅन रेडक्लिफ को भारत के इतिहास में एक महत्व पूर्ण स्थान दे डाली।’’
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